आदाब दोस्तों कुछ अशआर आपके लिए .....एक ग़ज़ल के ४ शेर .....
दिलवालों की इस मेहफिल में, वो भी बुलाये जायेंगे
चराग बुझाये जायेंगे पर , दिल तो जलाये जायेंगे
आखों ने दावत भेजी है , आज समंदर को शायद
अश्क बहाए जायेंगे और , कतरे बचाए जायेंगे
सबने मेरे जज्बातों पर, अपनी बाज़ी खेली है
कहीं जिताए जायेंगे ,तो कहीं हराए जायेंगे
मेरी ग़ज़लें गाते रहना , शेर कहीं न सो जाएँ
जब भी सुलाए जायेंगे हम नहीं जगाये जायेंगे
रंजीत
रंजीत चौहान
Monday, April 12, 2010
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Ajee wah, bahut sunder
ReplyDeletekya kehne
likhte raho isse bhee aur achaa
Bahut Bahut Bahut!!!!!!!!!Badhiya
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